PujaTemple.com के माध्यम से द्वारा पूर्ण वैदिक विधि से पूजा
PujaTemple.com द्वारा उज्जैन जो कि भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जिसे शिव की नगरी के नाम से भी जाना जाता है, में विभिन्न पूजा अनुष्ठान संपन्न कराये जाते हैं। यहां महाकालेश्वर मंदिर स्थित है, जो शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इस पवित्र नगरी में सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर कालसर्प दोष पूजा करवाना बहुत से लोगों के लिए एक आस्था का विषय होता है।
सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या और कालसर्प दोष
कालसर्प दोष: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच फंसे होते हैं, तो कालसर्प दोष होता है। मान्यता है कि इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या: यह एक विशेष दिन होता है जब हिंदू धर्म में पितरों का श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितर पृथ्वी पर आते हैं और उनके वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध से तृप्त होते हैं।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का महत्व
धार्मिक महत्व: उज्जैन को शिव की नगरी माना जाता है और शिव को सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है। इसलिए, उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा करवाने से इस दोष का प्रभाव कम होने की मान्यता है। ज्योतिषीय महत्व: उज्जैन का ज्योतिषीय महत्त्व है जो कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष लाभदायक है, यहाँ पर विद्वान पण्डित पूर्ण वैदिक विधि विधान से पूजा करते हैं, जिससे पूजा कराने वाले व्यक्ति को पूर्ण लाभ मिलता है.
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कहाँ करवाएं?
PujaTemple.com के द्वारा उज्जैन में कई मंदिर और पूजा स्थलों पर कालसर्प दोष पूजा करवाई जाती है। महाकालेश्वर मंदिर के पास रामघाट और सिद्धनाथ घाट काल सर्प दोष पूजा के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर उज्जैन ज्योतिष पीठ के विद्वानों द्वारा पूजा कराई जाती है। PejaTemple.com पर बुकिंग करके आप पूजा संपन्न करा सकते हैं। पूजा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरह से संपन्न होती है। यदि आपका व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना संभव नहीं है तो ऑनलाइन वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा करा सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से कई देशों के हजारों भक्तों द्वारा पूजा करके सफलता प्राप्त की है।
पूजा विधि
कालसर्प दोष पूजा की विधि जटिल होती है और इसे किसी अनुभवी पंडित द्वारा ही करवाना चाहिए। सामान्यतः इस पूजा में निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:
- PujaTemple.com के पण्डित द्वारा पूर्ण विधि विधान से पूजा संपन्न कराई जाती है। सबसे पहले शुद्धि कारन एवं पवित्रीकरण के बाद देवताओं एवं ग्रहों का आवाहन एवं स्थापन होता है। गणपति स्तुति पश्चात् संकल्प होता है।
- गणेश पूजन: इसके बाद गणेश जी की पूजा की जाती है।
- शिव पूजन: इसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा की जाती है।
- नाग देवता की पूजा: कालसर्प दोष होने के कारण नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है।
- हवन: हवन कुंड में विभिन्न सामग्री डालकर हवन किया जाता है।
- मंत्र जाप: विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
- अनुभवी पंडित: पूजा हमेशा अनुभवी पंडित से ही करवाएं।
- श्रद्धा: पूजा करते समय मन में श्रद्धा रखें।
- अन्य उपाय: पूजा के साथ-साथ अन्य उपाय जैसे दान, जप आदि भी करने चाहिए।
- ज्योतिषी की सलाह: PujaTemple.com के विद्वान ज्योतिषी से सलाह लेना अच्छा रहेगा ।
Pingback: दुर्गा सप्तशती का पाठ : शत्रुओं पर विजय प्राप्ति एवं समस्या समाधान का नंबर 1 उपाय - PujaTemple.com